पेपर लीक बिल महाराष्ट्र में कड़ा कानून, 10 साल तक की जेल और 1 करोड़ जुर्माना,

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मुंबई / अकबर खान

मुंबई: देश भर में पेपर लीक को लेकर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र सरकार ने राज्य सरकार की परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के लिए एंटी पेपर लीक बिल विधानसभा में पेश किया है। राज्य सरकार ने पेपर लीक रोकने के 10 साल तक जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। राज्य सरकार के मंत्री शंभुराज देसाई ने यह बिल पेश किया। महाराष्ट्र सरकार ने इस बिल को महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 नाम दिया है। विधानसभा और विधान परिषद में पारित होने के बाद इस बिल को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार के आधीन आने वाले तमाम परीक्षाओं के लिए यह कानून लागू हो जाएगा।

परीक्षाओं को सुरक्षित बनाने का उद्देश्य
विधानसभा में महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 बिल को पेश करते हुए मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि इस विधेयक में पेपर लीक को संज्ञेय, गैर जमानती बनाया गया है। देसाई ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकना, अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना और युवाओं को आश्वस्त करना है कि उनके ईमानदार और वास्तविक प्रयासों को उचित रूप से पुरस्कृत किया जाएगा और उनका भविष्य सुरक्षित है। देसाई ने कहा कि विधेयक में ऐसे व्यक्तियों, संगठित समूहों या संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रस्ताव है जो अवैध तरीके से धन कमाने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करते हैं। वे प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। केंद्र सरकार की तरफ से पूरे देश में परीक्षाओं को सुरक्षित बनाने के लिए पिछले महीने एक अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें कहा गया था कि पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 के प्रावधान अब पूरे देश में लागू हो चुके हैं। यह कानून फरवरी में लागू हुआ था। अधिसूचना से उसे अमलीजामा पहनाया गया था। अब महाराष्ट्र सरकार ने पेपर लील के खिलाफ सख्त कानून बनाने की तरफ कदम बढ़ाए हैं।
बिल में क्या हैं बड़े प्रावधान?

  1. विधेयक में कहा गया है कि अनुचित साधनों और अपराधों का सहारा लेने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को कम से कम तीन वर्ष की अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  2. पेपर लीक कराने वाले 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है और तत्वों से परीक्षा की लागत भी वसूल की जाएगी। उन्हें चार साल तक किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के संचालन की कोई जिम्मेदारी सौंपे जाने से रोक दिया जाएगा।
  3. अगर पेपर लीके में किसी संस्था का कोई निदेशक, प्रबंधन या सेवा प्रदाता फर्मों के प्रभारी की सहमति या मिलीभगत साबित होती है तो उसे कम से कम तीन वर्ष की सजा होगा। जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इतना ही नहीं उसके ऊपर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  4. कोई भी व्यक्ति जिसे प्रतियोगी परीक्षा या प्रतियोगी परीक्षा के संचालन से संबंधित कार्य सौंपा गया है या वह इसमें लगा हुआ है। जो अभ्यर्थी नहीं है। वह प्रतियोगी परीक्षा के संचालन को बाधित करने के इरादे से परीक्षा केंद्र के परिसर में प्रवेश नहीं करेगा। पेपर लीक के मामलों की जांच डीसीपी और एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी करेंगे।
  5. जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी।

पड़ाेसी राज्यों हैं कानून
महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों गुजरात और राजस्थान में पहले से पेपर लीक कानून लागू हैं। विधानसभा के पास होने के बाद सरकार इस बिल को विधान परिषद में रखेगी। दोनों सदनों से पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इस बिल में मौजूदा मानसून सत्र में ही पास होने की उम्मीद है।

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