पुस्तक का लोकार्पण

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हर्षिता जिनागा द्वारा कुकिंग होप कुकिंग होप कैंसर के सफर पर बच्चों के लिए आसान भारतीय व्यंजन 21 दिसंबर 2024

कैंसर से लड़ने के लिए किताब को बनाया सहारा, लेखक हर्षिता जिनागा द्वारा समाज के लिए मिसाल

कहते हैं, अगर सोच सकारात्मक हो तो जीवन की किसी भी मुश्किल घड़ी से पार पाया जा सकता है. कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है लेखक हर्षिता जिनागा ने, इस रिपोर्ट से जानिए इस लेखक की पूरी कहानी

मुंबई: युवा लेखिका हर्षिता जिनागा द्वारा लिखित एक अनूठी और प्रेरक पुस्तक, कुकिंग होप: कैंसर के सफर पर बच्चों के लिए आसान l कहते है की इंसान में जूनून और जज्बा हो तो वो हर हालात को जीत सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया युवा लेखिका हर्षिता जिनागा
ने. कैंसर जैसी बीमारी पर कुकिंग होप किताब लिखीं l

शनिवार को मुंबई प्रेस क्लब मे हर्षिता जिनागा द्वारा कुकिंग होप कुकिंग होप कैंसर के सफर पर बच्चों के लिए आसान भारतीय व्यंजन 21 दिसंबर 2024 को विमोचन किया गया मुंबई
प्रेस क्लब, में मुख्य अतिथि डॉ. रंजीत बाजपेयी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट, एच.एन. रिलायंस अस्पताल के हाथों लॉन्च की गई। मुख्य अतिथि निकिता महाकाल, पोषण और प्रशिक्षण प्रमुख, कडल्स फाउंडेशन थीं। हर्षिता कहती हैं, “इस पुस्तक में बच्चों को पौष्टिक और आनंददायक भोजन उपलब्ध कराने के लिए स्वस्थ, स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाले व्यंजनों की रेसिपी दी गई हैं। इस पुस्तक में भारत के विशाल राष्ट्रीय व्यंजनों से कई तरह की रेसिपी ली गई हैं। चाहे वह नाश्ता हो, दोपहर का भोजन, pरात का खाना या दोपहर का नाश्ता, मैंने बच्चों को उनकी ताकत और प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिए स्वादिष्ट और संतुलित भोजन उपलब्ध कराने के लिए यह पुस्तक लिखी है। स्वास्थ्य और पोषण के लिए मेरा गहरा जुनून है।” उन्होंने यह पुस्तक कडल्स फाउंडेशन मेरे माता पिता के सहयोग से लिखी है। यह पुस्तक कडल्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित हजारों बच्चों को समर्पित है।

इतना ही नहीं, पुस्तक का हिंदी और मराठी में भी अनुवाद किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा जा सके! हर्षिता जिनागा ने पिछले साल अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्तमान में कैलिफोर्निया सैन डिएगो विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। वह आणविक और कोशिकीय जीव विज्ञान में स्नातक हैं। वह एक ऑन्कोलॉजिस्ट, विशेष रूप से एक सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट बनने की इच्छा रखती हैं। यह रुचि वर्षों से शोध प्रयोगशालाओं में काम करने और मुंबई भर के अस्पतालों में इंटर्नशिप करने से विकसित हुई है। वह हमेशा पोषण में रुचि रखती रही है और यह कैसे जीवन को प्रभावित कर सकता है, खासकर कैंसर रोगियों के जीवन को। यह रुचि जैविक बागवानी के प्रति जुनून से उपजी है और हमारे सभी जीवन में पोषण और स्वस्थ भोजन के महत्व को जानने में विकसित हुई है। “यह पुस्तक मेरे लिए ऑन्कोलॉजी के प्रति मेरे जुनून और पोषण में मेरी रुचि को जोड़ने का एक तरीका थी”, वह कहती हैं। ‘कुकिंग होप’ एपीके पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित 65-पृष्ठ की पुस्तक है। इसकी कीमत 500 रुपये है और यह वर्तमान में अमेज़न और बुकस्टोर्स पर उपलब्ध है।

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