मुंबई/ अकबर खान
मुंबई, सुराज्य रिटायर पुलिस एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर मुंबई आज़ाद मैदान मे धरना दे रहे है l बता दे की पुलिसकर्मी अपना घर छोड़कर लोगों की रक्षा करते हैं और अपने कर्तव्यों का पालन करते है l उनकी मांगे यदि सरकार उन्हें पूरा नहीं करती है, तो सुराज्य रिटायर पुलिस एसोसिएशन आगामी विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक दल बना कर चुनावी मैदान मे उतरेगी और सत्ता में रहकर अपनी मांगों को पूरा करेंगी। यह बात पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने आजाद मैदान में सुराज्य रिटायर पुलिस एसोसिएशन के धरना आंदोलन के दौरान कही l सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए चिकित्सा सेवा लागू की जाए, भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा 38 वर्ष तक की छूट देकर पुलिस अधिकारियों को भर्ती में प्रथम प्राथमिकता दी जाए। सुनिश्चित योजना का लाभ उठायें। पुलिस बल में कार्यकारी बल में पदोन्नति की श्रृंखला, पीएसआई जो पुलिस कांस्टेबल के पद पर भारतीयकृत हैं, एक पद के रूप में सेवानिवृत्त होंगे लेकिन एसआरपीएफ के लिए लागू नहीं होंगे, उस निर्णय को लागू किया जाना चाहिए। सेवानिवृत्ति संगठनों को सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। पुलिस पर हमले के मामलों की तुरंत जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाए, जिसमें सेवानिवृत्त जज, सेवानिवृत्त आईपीएस और सेवानिवृत्त सेना के प्रतिनिधि शामिल हों. लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का स्टाफ निरस्त कर उस प्रतिष्ठान में केवल पुलिस ही होनी चाहिए। पुलिस विधायकों को चुनने के लिए विधानसभा में एक प्रतिनिधि तय कर उसके अनुरूप चर्चा की जानी चाहिए और चुनाव आयोग से मांग की जानी चाहिए. एसोसिएशन के रेल मंडल अध्यक्ष नंद कुमार शेलार ने कहा l
महाराष्ट्र सेवा के अन्य कर्मचारियों की तरह पुलिस अधिकारियों को छुट्टियों का लाभ नहीं दिया जाता है, पुलिस को 76 दिनों की छुट्टी से वंचित रखा जाता है लेकिन उस दिन के वेतन के लिए उन्हें कई मांगों को पूरा करना पड़ता है। सरकार को अपनी मांगें भेज रहे हैं, लेकिन. इसे नजरअंदाज किया जा रहा है, हमारे पुलिस परिवार के पास कम से कम 25/30 लाख वोट हैं, फिर भी हमें अपनी मांगों के लिए सरकार से दो-दो हाथ करना होगा, इसलिए हम आगामी चुनाव में पुलिस के लिए अपने प्रतिनिधि उतारेंगे कहा।
संजय पांडे ने कहा कि हम विधानसभा में पुलिस की मांग के लिए महाराष्ट्र से कम से कम 5 विधायकों को नामांकित करेंगे. पुलिस पर हमले हो रहे हैं, उस हमले का मतलब सरकार पर हमला है और सरकार से गद्दारी के तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए. कानून में शुरू से ही इसका प्रावधान है, नये कानून बनाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि मानवाधिकार आयोग ने कभी भी पुलिस पर उचित ध्यान नहीं दिया.
पांडे ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में पुलिस न्यायपालिका निगम की स्थापना की जानी चाहिए. संजय पांडे ने कहा कि हमारा संगठन कार्यरत पुलिस और सेवानिवृत्त पुलिस की समस्याओं का समाधान करना है और इसके लिए हम एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे.