वक्फ बोर्ड संशोधन बिल-2024 वापस ले सरकार : जमात-ए-इस्लामी हिंद
*वक्फ बोर्ड संशोधन बिल-2024 जेपीसी में खूब हो रही तनातनी*
मुंबई / अकबर khan
मुंबई, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते संसद सत्र के दौरान वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पेश किया। हालांकि, विपक्ष ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। आखिरकार ये विधेयक ज्वाइंट पर्लियामेंट्री कमिटी यानी जेपीसी को भेज दिया गया। अब जेपीसी की बैठक में भी वक्फ बिल पर तनातनी की खबरें आ रहीं। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी और विपक्षी सांसदों के बीच संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में वक्फ बिल पर गरमागरम बहस हुई। अब समिति ने बिल में प्रस्तावित बदलावों पर 15 दिनों के भीतर लोगों, विशेषज्ञों और संस्थानों से राय मांगी है। वही जमात ए इस्लामी हिंद ने मुंबई प्रेस क्लब मे पत्रकारों से बात करते हुए कहा की वक्फ बोर्ड संशोधन बिल-2024 सरकार को वापस लेना चाइए वक्फ संपत्तियों का विध्वंस और जब्ती होगी। इसलिए केंद्र सरकार को लोकसभा में पेश किए गए नए प्रस्तावित वक्फ संशोधन को वापस लेना चाहिए. यह मांग जमात-ए-इस्लामी हिंद व प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने मुंबई प्रेस क्लब मे आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. वक्फ बोर्ड की शक्तियों में संशोधन किया गया है। इसके तहत सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के नाम पर गैर-मुस्लिमों को अनिवार्य सदस्य बनाने का प्रस्ताव है। सेंट्रल वक्फ काउंसिल में अधिकतम 13 गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से दो सदस्य अनिवार्य होंगे। साथ ही वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या 7 तक हो सकती है, जिसमें से दो सदस्य अनिवार्य होंगे. यह प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है, ऐसा महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फोरम मुंबई के सह-प्रवक्ता शाकिर शेख ने कहा, जिन्होंने भ्रम और संदेह के कारण विधेयक को वापस लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर एड हातिम यूसुफ मुछला अध्यक्ष एपीसीआर, इकराम उल जब्बार सेवानिवृत्त आईआरएस पुणे, मौलाना निज़ामुद्दीन फखरुद्दीन पुणे, मौलाना फहीम फलाही सचिव अवकाफ सेल महाराष्ट्र,
सरफराज आरजू संपादक दैनिक हिंदुस्तान, मौलाना अनीस अशरफी अध्यक्ष रजा फाउंडेशन मुंबई, मौलाना आगा रूह जफर इमाम शोध जमात मुंबई, शाकिर शेख संव्याक महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फोरम मुंबई और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।