मुंबई / अकबर खान
मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार जनता का समर्थन पाने के बाद गुरुवार को 78 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार ऐतिहासिक लाल किले पर तिरंगा फहराया। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने लाल किले से एक नया रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने 78 वें स्वतंत्रता दिवस पर अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 98 मिनट तक देशवासियों को संबोधित किया। यानी उन्होंने डेढ़ घंटे से ज्यादा का भाषण दिया। इससे पहले उन्होंने साल 2016 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 96 मिनट का भाषण दिया था। लेकिन आज उन्होंने 98 मिनट का भाषण देकर अपना खुद का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पीएम मोदी का सबसे छोटा संबोधन साल 2017 में था, जब उन्होंने करीब 56 मिनट तक भाषण दिया था।
कब कितने मिनट का भाषण दिया
खास बात ये भी है कि स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन अन्य प्रधानमंत्रियों के भाषणों की तुलना में सबसे लंबा रहा है। इस तरह वो पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। जवाहर लाल नेहरू को 17 और इंदिरा गांधी को 16 बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का सम्मान मिला था।
PM Modi बोले- भारत को संकट मत मानिए
लाल किले की प्राचीर से दुनिया भर के देशों को बड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत को संकट मत मानिए। भारत जब पूरे विश्व में समृद्ध देश था तब भी हमने दुनिया को युद्ध नहीं दिया। भारत के इतिहास को समझिए, हमें संकट मत मानिए।
पीएम मोदी ने भारत के लोगों के साथ-साथ दुनिया के देशों को भी बड़ा संदेश देते हुए कहा कि चुनौतियां हैं, अनगिनत चुनौतियां हैं, चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं और जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, जैसे-जैसे हमारा तवज्जो बढ़ेगा तो चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं।
बाहर की चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं और मुझे उसका भलीभांति अंदाज है। लेकिन मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट ले करके नहीं आता है। हम विश्व में समृद्ध थे तब भी, हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका है। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है और इसलिए भारत के आगे बढ़ने से विश्व चिंतित न हो, मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं।
“हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेक बड़े रिफॉर्म किए। आज उसके कारण भारत के बैंकों ने विश्व के अग्रणी और मजबूत बैंकों में अपना स्थान बनाया है। जब बैंक मजबूत होते हैं, तो फॉर्मल इकोनॉमी की ताकत भी बढ़ती है। मुझे खुशी है मेरे रेहड़ी-पटरी वाले लाखों भाई-बहन आज बैंक के साथ जुड़कर नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं और देश के विकास की दिशा में भागीदार बन रहे हैं।”*